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ट्रंप द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को झूठे और मनमाने ढंग से उद्धृत करना — एक शरारती करतूत!

 ट्रंप द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को झूठे और मनमाने ढंग से उद्धृत करना — एक शरारती करतूत!

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नेताओं के शब्दों का वजन बहुत होता है। जब कोई पूर्व राष्ट्रपति या वैश्विक नेता किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री के नाम पर मनगढ़ंत बयान देता है, तो वह केवल एक राजनीतिक चाल नहीं बल्कि कूटनीतिक शरारत होती है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो झूठे और अतिशयोक्तिपूर्ण बयान दिए हैं, वे इसी तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को दर्शाते हैं।

अपने एक ताज़ा भाषण में ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे किसी मुद्दे पर “सहमति” जताई थी और वे उनके विचारों की “प्रशंसा” करते हैं।

इतना ही नहीं, ट्रंप ने यह भी कहा कि वे “मोदी का राजनीतिक करियर खत्म नहीं करना चाहते।”

यह बयान न केवल असत्य प्रतीत होता है, बल्कि अत्यंत बचकाना और अहंकारपूर्ण भी है। ऐसा लगता है जैसे ट्रंप स्वयं को किसी सर्वशक्तिमान सत्ता के रूप में देखने लगे हैं — मानो किसी नेता का राजनीतिक भविष्य उनके इशारे पर तय हो सकता हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की 140 करोड़ जनता ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना है। उनका नेतृत्व जनता की आकांक्षाओं और विश्वास पर टिका है, किसी ट्रंप की कृपा पर नहीं।

इसलिए ट्रंप का यह कथन न केवल तथ्यों से परे है बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भी अपमान है।

कूटनीतिक मर्यादा का उल्लंघन: किसी विदेशी नेता के राजनीतिक करियर पर टिप्पणी करना अनुचित है।

अहंकार की झलक: “मैं मोदी का करियर खत्म नहीं करना चाहता” जैसी बातें एक तानाशाही मानसिकता को दर्शाती हैं।

राजनीतिक अपरिपक्वता: ऐसे शब्द यह दिखाते हैं कि ट्रंप अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को नीचा दिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को भी दांव पर लगाने से नहीं हिचकते।

भारत एक संप्रभु और मजबूत लोकतंत्र है, जो अपने निर्णय स्वयं लेता है। प्रधानमंत्री मोदी का जनाधार और नेतृत्व भारत की जनता की देन है, किसी बाहरी नेता की कृपा का परिणाम नहीं।

इसलिए, ट्रंप जैसे बयान न केवल भारत की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी स्वयं की अपरिपक्वता भी उजागर करते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप का यह रवैया “कूटनीतिक शरारत” से आगे बढ़कर “अहंकार की पराकाष्ठा” लगता है।

किसी भी वैश्विक नेता को यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च होती है — न कि कोई व्यक्ति या पद।

भारत और अमेरिका के रिश्तों को परिपक्व नेतृत्व और आपसी सम्मान की ज़रूरत है, न कि इस तरह की ऊटपटांग बयानबाज़ी की।

क्या आपको लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं की इस तरह की बयानबाज़ी पर भारत को औपचारिक आपत्ति दर्ज करानी चाहिए?

अपनी राय कमेंट में बताएं।


Donald Trump Misquoting PM Modi — A Mischievous and Arrogant Act!

Former U.S. President Donald Trump falsely quoted Indian Prime Minister Narendra Modi, claiming he “agreed” with him and that he “doesn’t want to end Modi’s political career.” Such remarks reflect arrogance, immaturity, and disrespect toward India’s democracy.


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In international politics, words are powerful. When a former world leader like Donald Trump misquotes another country’s prime minister, it’s not diplomacy — it’s deliberate mischief. Recently, Trump’s baseless and exaggerated comments about Indian Prime Minister Narendra Modi have raised eyebrows across the world.


During one of his recent public speeches, Trump claimed that Modi had “agreed” with him on certain matters and even “praised” his leadership.

But what stunned everyone was his statement — “I don’t want to end Modi’s political career.”

This statement is not only false but also absurdly arrogant. It almost sounds as if Trump imagines himself to be a godlike figure who holds the fate of global leaders in his hands.


Prime Minister Narendra Modi is not a leader by anyone’s mercy. He is a democratically elected representative of the 1.4 billion people of India, chosen through free and fair elections.

His political journey is rooted in the faith and aspirations of the Indian people — not in the blessings of any foreign politician.

Trump’s comments, therefore, are not just factually wrong but deeply disrespectful to India’s democratic values.

Why Trump’s Remarks Are Dangerous:

Breach of diplomatic decency: No leader should comment on another nation’s politics.

A glimpse of ego and insecurity: Saying “I don’t want to end Modi’s career” exposes Trump’s inflated self-image.

A political stunt: Such remarks are aimed at domestic political gain rather than responsible statesmanship.

India’s democracy is strong, proud, and self-reliant. The country and its leadership don’t seek validation from anyone.

Trump’s childish claim not only underestimates the Indian electorate but also damages his own credibility in the global arena.


Donald Trump’s attitude is no longer just about political rivalry — it reflects a dangerous sense of superiority.

He must remember that in true democracy, power lies with the people, not with self-proclaimed kings.

India-U.S. relations deserve mutual respect and maturity, not vanity-driven drama.

Your Opinion:

Should India officially object to such irresponsible statements from global leaders?

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