माध्यम वर्ग अब तक सबसे अधिक असंतुष्ट था ,की हम सरकार के सबसे बड़े सपोर्टर भी है , टैक्स पेयर भी है , पर सरकार बजट में हमे इग्नोर कर देती है , हम पर टैक्स का बोझ इतना है ,कि कुछ बचता ही नहीं , कि किसी इमरजेंसी की सिचुएशन में हमारे हाथ में कुछ नहीं है ।
लोग सोशल मीडिया पर ट्रोल भी करने लगे थे, कुछ विपक्षी भी एक्टिव थे इस तरह की पोस्ट बनाने में ..
सरकार हरकत में आई और इस बार का आनेवाले बजट की रूपरेखा आपके सामने है ।
हाल ही में प्रस्तुत किए गए बजट 2025 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।
इस निर्णय से विशेष रूप से मध्यम वर्ग के वेतनभोगी और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों को लाभ होगा, जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है। इससे उनकी सेविंग और क्रय शक्ति में इजाफा होगा , वे अपनी आवश्यकताओं और बचत के लिए अधिक धनराशि रख सकेंगे। इसके अतिरिक्त, उच्च आय वर्ग के व्यक्तियों को भी कर दरों में बदलाव से लाभ होगा, क्योंकि 25 लाख रुपये तक की आय वालों को 1 लाख रुपये का फायदा होगा।
सरकार का यह कदम मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उपभोग में वृद्धि के माध्यम से समग्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
माध्यम वर्ग को लाभ:
बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने की घोषणा से मध्यम वर्ग को सीधा लाभ होगा, लेकिन इसके व्यापक प्रभाव भी होंगे। आइए देखते हैं कि इसका सकारात्मक प्रभाव क्या हो सकते हैं—
सकारात्मक प्रभाव:
1. उपभोक्ता खर्च में वृद्धि:
कर का बोझ कम होने से लोगों के पास अधिक पैसे बचेंगे, जिससे वे अधिक खर्च कर सकते हैं।
इससे बाजार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
2. बचत और निवेश में वृद्धि:
लोग अपनी बचत बढ़ा सकते हैं या शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।
3. मध्यम वर्ग की वित्तीय स्थिरता:
वेतनभोगी और छोटे व्यवसायियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि वे महंगाई के दौर में आर्थिक रूप से अधिक स्थिर महसूस करेंगे।
4. उधारी पर सकारात्मक असर:
बैंकों से कर्ज लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, जिससे रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा मिलेगा।
बजट 2025 में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने की घोषणा से मध्यम वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है। इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है। इस बढ़ती मांग का सकारात्मक प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ सकता है, जो शेयर बाजार में संबंधित कंपनियों के शेयरों की कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकता है।
शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव:
1. उपभोक्ता वस्तुएं (FMCG): मध्यम वर्ग के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होने से दैनिक उपभोग की वस्तुओं की मांग बढ़ सकती है, जिससे हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है।
2. ऑटोमोबाइल: अधिक आय के कारण वाहन खरीदने की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
3. रियल एस्टेट: आयकर छूट बढ़ने से लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित हो सकते हैं, जिससे डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज जैसी रियल एस्टेट कंपनियों को फायदा हो सकता है।
4. बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: उपभोक्ता खर्च और निवेश में वृद्धि से बैंकों और वित्तीय संस्थानों की गतिविधियों में तेजी आ सकती है, जिससे उनके शेयरों में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह:
विविधता लाएं: अपने निवेश पोर्टफोलियो में विभिन्न क्षेत्रों के शेयर शामिल करें ताकि जोखिम संतुलित रहे।
लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाएं: बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं; दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान दें।
बजट के बाद के रुझानों पर नजर रखें: बजट घोषणाओं के बाद बाजार की प्रतिक्रिया को समझें और उसी के अनुसार निवेश निर्णय लें।
ध्यान दें कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है। इसलिए, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना उचित होगा।
स्लैब में बदलाव किस तरह :
बजट 2025 में आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे मध्यम वर्ग को कर में राहत मिलेगी। आइए, पुराने और नए आयकर स्लैब की तुलना करके समझते हैं कि आपकी कर बचत में कितना अंतर आएगा।
पुराना आयकर स्लैब (बजट 2024 तक):
₹2.5 लाख तक: कोई कर नहीं
₹2.5 लाख से ₹5 लाख: 5%
₹5 लाख से ₹10 लाख: 20%
₹10 लाख से अधिक: 30%
नया आयकर स्लैब (बजट 2025 से):
₹12 लाख तक: कोई कर नहीं
₹12 लाख से ₹15 लाख: 10%
₹15 लाख से ₹20 लाख: 20%
₹20 लाख से अधिक: 30%
उदाहरण के लिए, यदि आपकी वार्षिक आय ₹12 लाख है:
पुराने स्लैब के अनुसार:
पहले ₹2.5 लाख: कोई कर नहीं
अगले ₹2.5 लाख (₹2.5 लाख से ₹5 लाख): 5% = ₹12,500
अगले ₹5 लाख (₹5 लाख से ₹10 लाख): 20% = ₹1,00,000
अगले ₹2 लाख (₹10 लाख से ₹12 लाख): 30% = ₹60,000
कुल कर देय: ₹12,500 + ₹1,00,000 + ₹60,000 = ₹1,72,500
नए स्लैब के अनुसार:
₹12 लाख तक की आय पर: कोई कर नहीं
कुल कर देय: ₹0
कर बचत:
पुराने स्लैब में कर देय: ₹1,72,500
नए स्लैब में कर देय: ₹0
कुल बचत: ₹1,72,500
इस प्रकार, नए आयकर स्लैब के अनुसार, ₹12 लाख की वार्षिक आय पर आपको ₹1,72,500 की कर बचत होगी। यह बदलाव मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है।
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