"वीबा फूड्स: संघर्ष से 1000 करोड़ की सफलता तक का सफर"
विराज बहल,वीबा फूड्स (Veeba Foods) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक, ने अपने उद्यमशीलता (Entrepreneurship) के सफर में कई चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने अपनी पत्नी के घर को बेचकर वीबा" की शुरुआत की, लेकिन पहले दो वर्षों तक उन्हें कोई ऑर्डर नहीं मिला और तो और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं थे।
इस बार के शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India)
के चौथे सीजन में, विराज बहल नए जज के रूप में शामिल हुए हैं। उनका मानना है कि यह प्लेटफ़ॉर्म नवाचार और उद्यमशीलता का प्रतीक है, जो भारत के भविष्य को आकार देने वाले साहसी विचारों को प्रस्तुत करता है। एक अग्रणी उपभोक्ता खाद्य ब्रांड (Food Industry) के संस्थापक के रूप में, वे इस क्षेत्र में व्यवसाय निर्माण की जटिलताओं को समझते हैं और स्पष्ट दृष्टिकोण और वास्तविक उपभोक्ता आवश्यकताओं को हल करने की प्रतिबद्धता वाले उद्यमियों को अपने अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए उत्सुक हैं।
विराज बहल का यह सफर दृढ़ संकल्प और नवाचार का प्रतीक है, जो आने वाले उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
जैसा कि हम पूर्व में भी बता चुके है विराज बहल ने वीबा फूड्स की स्थापना के बाद शुरुआती दो वर्षों तक कोई ऑर्डर नहीं प्राप्त किया। फिर उनकी किस्मत तब बदली जब उन्हें डोमिनोज़ से 70 टन पिज्जा सॉस का ऑर्डर मिला, जो उनके व्यवसाय के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उसके बाद तो पिज्जा हट और kfc के भी बड़े आर्डर मिल गए ।
रिटेल में विस्तार:
आज वीबा न सिर्फ बड़े फूड चेन के लिए सप्लाई करता है, बल्कि रिटेल बाजार में भी इसकी मजबूत पकड़ है।
अब वीबा रिटेल चेंस में भी धड़ल्ले से बिकता है ।
2013 में शुरू हुई वीबा फूड्स (Veeba Turnover)
आज 1000 करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी है।
वीबा फूड्स की इस सफलता (Veeba Foods Success Story)
के पीछे वीराज बहल की मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
और अधिक जानकारी आप veeba.in से भी प्राप्त कर सकते है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें