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भारत में इंश्योरेंस जागरूकता: स्थिति और आवश्यक कदम

वर्तमान स्थिति

भारत में बीमा (इंश्योरेंस) को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अभी भी विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। अधिकांश लोग जीवन बीमा (Life Insurance) और स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) को केवल एक आवश्यकता के बजाय कर बचाने का साधन मानते हैं। ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों में बीमा को लेकर जागरूकता और विश्वास की कमी देखी जाती है।

चुनौतियाँ

  1. अशिक्षा और गलतफहमियाँ: बीमा उत्पादों की जटिलता और सही जानकारी की कमी के कारण लोग इन्हें अनावश्यक मानते हैं।
  2. वित्तीय प्राथमिकताएँ: कई लोग बीमा को अतिरिक्त खर्च समझते हैं और इसे लेने से बचते हैं।
  3. दावा (क्लेम) प्रक्रिया में समस्याएँ: कई बार जटिल और लंबी क्लेम प्रक्रिया लोगों को बीमा से दूर रखती है।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच की कमी: बीमा कंपनियों की पहुंच शहरों तक अधिक है, जबकि ग्रामीण भारत में जागरूकता और उपलब्धता की कमी बनी हुई है।
  5. डिजिटल जागरूकता की कमी: ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने और उसकी शर्तों को समझने में कई लोगों को कठिनाई होती है।

महत्वपूर्ण कदम

1. सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी

  • सरकार को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) जैसी योजनाओं का और अधिक प्रचार करना चाहिए।
  • बीमा कंपनियों को भी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए।

2. बीमा शिक्षा का प्रचार

  • स्कूल और कॉलेज स्तर पर वित्तीय शिक्षा के तहत बीमा का महत्व सिखाया जाना चाहिए।
  • बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े कोर्सों में बीमा शिक्षा को अनिवार्य किया जाए।

3. डिजिटल और सोशल मीडिया का उपयोग

  • इंश्योरेंस कंपनियों को सोशल मीडिया, यूट्यूब और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सरल भाषा में जानकारी देने वाले वीडियो और कंटेंट उपलब्ध कराने चाहिए।
  • बीमा से जुड़े मिथकों को तोड़ने और वास्तविक लाभ दिखाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।

4. एजेंटों और बिचौलियों की पारदर्शिता

  • बीमा एजेंटों को सही और पारदर्शी जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे गलत वादे न करें।
  • उपभोक्ताओं को यह सिखाया जाए कि वे कैसे सही पॉलिसी चुनें और एजेंटों के झूठे वादों से बचें।

5. आसान और तेज़ क्लेम प्रक्रिया

  • क्लेम से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान और डिजिटल बनाकर लोगों का भरोसा बढ़ाया जा सकता है।
  • बीमा कंपनियों को शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करना चाहिए।

6. ग्रामीण और छोटे शहरों में बीमा की पहुंच बढ़ाना

  • माइक्रो-इंश्योरेंस योजनाओं को बढ़ावा देकर कम आय वाले लोगों को बीमा से जोड़ना चाहिए।
  • स्थानीय भाषाओं में बीमा जानकारी और योजनाओं का प्रचार किया जाए।

निष्कर्ष

भारत में इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा, डिजिटल मीडिया, सरकारी योजनाओं का प्रचार, सरल क्लेम प्रक्रिया और पारदर्शी एजेंट प्रणाली जैसी पहल जरूरी हैं। यदि इन सुधारों पर ध्यान दिया जाए तो देश में बीमा कवरेज का स्तर काफी बढ़ सकता है और लोग वित्तीय सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक हो सकते हैं।

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