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मई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद पर तकरार तेज: अवैध नागरिकों को जबरन लौटाने पर सेना तक बोली ब्रिगेडियर जनरल का बयान बढ़ा सकता है दोनों देशों के बीच तनाव

भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद पर तकरार तेज: अवैध नागरिकों को जबरन लौटाने पर सेना तक बोली ब्रिगेडियर जनरल का बयान बढ़ा सकता है दोनों देशों के बीच तनाव ढाका/नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। इस बार विवाद का कारण है – भारत द्वारा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को जबरन सीमा पार वापस भेजने की कार्रवाई। बांग्लादेश की सेना ने इस पर खुलकर नाराज़गी जाहिर की है और भारत के रवैये को "अस्वीकार्य" करार दिया है। बांग्लादेशी सेना के मिलिट्री ऑपरेशंस निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद नजीम-उद-दौला ने कहा है कि, "भारत की ओर से बिना दस्तावेज वाले बांग्लादेशी नागरिकों को जबरन धक्का देकर सीमा पार भेजना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारा बॉर्डर गार्ड बल (BGB) पूरी तरह से सक्षम है और जरूरत पड़ी तो सेना भी आगे कदम उठाने को तैयार है।" भारत की ओर से कार्रवाई क्यों? भारतीय एजेंसियों की मानें तो देश में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं, जो न केवल स्थानीय संसाधनों पर बोझ बनते हैं बल्कि कुछ मामलों...

शिक्षिका से शासिका तक – मैक्रों का मोहपाश”

  कहते हैं इश्क़ ना उम्र देखता है, ना दर्जा। पर इमैनुएल मैक्रों साहब ने तो इस कहावत को इतिहास में अमर कर दिया। प्रेम की पृष्ठभूमि – 'शिक्षा से शिकार तक' साल था 1993। स्थान: फ्रांस का एक स्कूल। एक होनहार,15 वर्षीय छात्र — इमैनुएल मैक्रों। और दूसरी ओर, उनकी 39 वर्षीय नाट्य-शिक्षिका — ब्रिजिट। ब्रिजिट जी उस समय स्कूल की "ड्रामा क्लास" लेती थीं, लेकिन उनकी खुद की जिंदगी का ड्रामा भी यहीं से शुरू कर बैठीं। उन्होंने क्लास में डायलॉग सिखाया — "Je t’aime" (I love you)... और छात्र मैक्रो ने सीधा दिल पर ले लिया! मैक्रों ने कहा — “मैम, एक न एक दिन मैं आपसे शादी करूंगा।” ब्रिजिट ने पहले कहा — चलो पहले “पढ़ाई पर ध्यान दो, ये बचपना छोड़ो ।” पर फिर सोचा, "बच्चा है, पर समझदार है!" जब ये लव स्टोरी परिवारों को पता चली, तो भूकंप आ गया। घर वालों ने मैक्रों को पेरिस भेज दिया।  मैक्रों के माता-पिता ने कहा — "हमारा बेटा राजनीति में जाएगा, प्रेम में नहीं।" पर ब्रिजिट अड़ी रहीं, और बोलीं — "मैं रचूंगी नया इतिहास राजनीति में और प्रेम में भी!" और देखिए — ...

बोरॉन की तलाश में पाकिस्तान: परमाणु सुरक्षा के लिए वैश्विक दरवाज़ों पर दस्तक

बोरॉन की तलाश में पाकिस्तान: परमाणु सुरक्षा के लिए वैश्विक दरवाज़ों पर दस्तक हाल ही में पाकिस्तान के एक परमाणु ठिकाने पर हुए मिसाइल हमले के बाद, पूरे देश में परमाणु सुरक्षा को लेकर चिंता गहरा गई है। इस संकट की घड़ी में पाकिस्तान जिस रासायनिक तत्व को सबसे अधिक खोज रहा है, वह है — बोरॉन (Boron)। परमाणु रिएक्टर में न्यूट्रॉन संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक इस तत्व की आपातकालीन मांग ने पाकिस्तान को कई देशों के दरवाज़े खटखटाने पर मजबूर कर दिया है। बोरॉन क्यों है इतना जरूरी? बोरॉन एक ऐसा रासायनिक तत्व है जो न्यूट्रॉन को अवशोषित कर सकता है। परमाणु रिएक्टरों में जब न्यूट्रॉन की गतिविधि असंतुलित हो जाती है — जैसे मिसाइल हमले के बाद हुआ — तब बोरॉन डालने से रिएक्शन को धीमा किया जा सकता है और एक बड़े हादसे से बचा जा सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तान इसे किसी भी कीमत पर जल्द से जल्द हासिल करना चाहता है। किन देशों से मांग रहा है पाकिस्तान बोरॉन? 1. चीन (China) पाकिस्तान का सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार चीन, बोरॉन का एक बड़ा उत्पादक देश है। चीन पहले से पाकिस्तान को रक्षा, परमाणु और तकनीकी सहायता देता रहा ...

IMF की पाकिस्तान को वित्तीय सहायता

 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जुलाई 2023 में पाकिस्तान को $3 बिलियन का स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SBA) स्वीकृत किया था, जिससे देश को गंभीर आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिली। यह नौ महीने का कार्यक्रम था, जिसके तहत IMF ने तुरंत लगभग $1.2 बिलियन की राशि जारी की, और शेष राशि किश्तों में प्रदान की गई।   यह वित्तीय सहायता पाकिस्तान की तत्काल भुगतान संतुलन की समस्याओं को हल करने और संभावित डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए महत्वपूर्ण थी। इसके बदले में, IMF ने पाकिस्तान से कई आर्थिक सुधारों की मांग की, जिनमें कर आधार का विस्तार, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, और बाजार-निर्धारित विनिमय दर अपनाना शामिल था।   IMF ने यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में हाल के महीनों में सुधार हुआ है, लेकिन विकास दर अभी भी कम है और मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। इसलिए, आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतिगत और सुधारात्मक प्रयासों की आवश्यकता है।   इस कार्यक्रम के अंतर्गत, IMF ने अप्रैल 2024 में अंतिम $1.1 बिलियन की किश्त जारी करने के लिए पाकिस्तान के साथ एक प...

पाकिस्तानी परमाणु ठिकानों पर सैन्य कार्यवाही से पाकिस्तान में खलबली

बोरॉन बना पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा का संकटमोचक मिसाइल हमले के बाद मची खलबली हाल ही में पाकिस्तान के एक संवेदनशील इलाके में हुए "ऑपरेशन सिंदूर" नामक मिसाइल हमले ने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया है। इस हमले में निशाना बना पाकिस्तान का एक गुप्त परमाणु हथियार केंद्र, जिससे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हमले के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान ने बोरॉन (Boron) की आपातकालीन माँग की है। क्यों पड़ी बोरॉन की ज़रूरत? पाकिस्तान के परमाणु रिएक्टर पर मिसाइल से हुए हमले के बाद वहाँ का न्यूट्रॉन संतुलन बिगड़ गया। रिएक्टर को ओवरहीटिंग और विस्फोट से बचाने के लिए बोरॉन की मदद ली जाती है, क्योंकि यह न्यूट्रॉन को अवशोषित कर परमाणु प्रतिक्रिया को धीमा करता है। ऐसे में बोरॉन ही वह तत्व है जो एक बड़े परमाणु हादसे को टाल सकता है। क्या भारत ने किया मिसाइल हमला? पाकिस्तानी मीडिया और रक्षा सूत्रों का दावा है कि इस हमले के पीछे भारत की "गुप्त सैन्य कार्रवाई" हो सकती है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से ऐसे किसी भी हमले से साफ इनकार किया गया है। भारत का कहना है कि ...

भारतीय डिफेंस सिस्टम ने S 400 ने 15 पाकिस्तानी मिसाइलों को नाकाम किया*

 *भारतीय डिफेंस सिस्टम ने S 400 ने 15 पाकिस्तानी  मिसाइलों को नाकाम किया*  *पाकिस्तान ने टारगेट किया थे 15भारतीय शहर* 1 बार में 36 टारगेट भेदने में सक्षम 8 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात में, पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की।  इन हमलों को भारतीय वायुसेना ने S-400 'सुदर्शन चक्र' एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से विफल कर दिया।   S-400 प्रणाली, जो रूस से प्राप्त की गई है, 600 किमी तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और 400 किमी की दूरी तक उन्हें नष्ट कर सकती है।  इस प्रणाली ने पाकिस्तान द्वारा दागी गई मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे भारत के सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ।   इसके जवाब में, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के लाहौर, कराची और सियालकोट में स्थित एयर डिफेंस सिस्टम्स को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट कर दिया।   यह पहली बार है जब भारत ने S-400 प्रणाली का वास्तविक युद्ध स्थिति में उपयोग किया है, जिससे इसकी प्रभावशीलता सिद्ध हुई है।   इस स...

पाकिस्तान में ड्रोन हमलों का कहर: दो दर्जन से ज्यादा हमले, चारों तरफ तबाही और हाहाकार

*पाकिस्तान में ड्रोन हमलों का कहर: दो दर्जन से ज्यादा हमले, चारों तरफ तबाही और हाहाकार* पाकिस्तान में हाल के दिनों में ड्रोन हमलों की बाढ़ आ गई है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक दो दर्जन से ज्यादा ड्रोन हमले हो चुके हैं, जिनमें कराची, लाहौर, मियांवाली और खैबर जैसे संवेदनशील इलाकों को निशाना बनाया गया है। इन हमलों ने न केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि आम नागरिकों में भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। हमलों का दायरा और नुकसान कराची में बड़ा धमाका: कराची में ड्रोन हमले में सेना से जुड़ी एक इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय ड्रोन की आवाज के बाद जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। आईएसआई मुख्यालय के पास हमला: खबरों के अनुसार, ISI के हैडक्वार्टर के नजदीक भी ड्रोन हमला हुआ, जिसने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मस्जिदों और क्रिकेट स्टेडियम पर हमले: बहावलपुर में जैश के मरकज की मस्जिद और एक क्रिकेट स्टेडियम भी ड्रोन हमलों का शिकार बने। इन हमलों ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की ...

गोलाबारी संकट में घिरी पाक सेना: चीन से आपातकालीन सैन्य मदद की गुहार

पाकिस्तानी सेना इस समय गंभीर रूप से गोला-बारूद की भारी कमी से जूझ रही है, और फ़िलहाल पाकिस्तान के पास बहुत कम सैन्य सामान उपलब्ध है जिसके चलते वह 4-5 दिनों से ज़्यादा युद्ध नहीं लैड सकता, और इसी वजह से पाकिस्तान को अपने सैन्य अभ्यासों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।  विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वर्तमान स्थिति में पाकिस्तान के पास केवल चार से पांच दिनों तक चलने वाले युद्ध के लिए ही पर्याप्त हथियार और संसाधन उपलब्ध हैं। यह स्थिति भारत द्वारा हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने की संभावित कार्रवाई के मद्देनज़र और भी चिंताजनक हो गई है। इस आशंका से घबराया पाकिस्तान अपने सीमित संसाधनों को बचाने की कोशिश में जुट गया है और अब वह अपनी रक्षा क्षमताओं को तत्काल बढ़ाने के लिए चीन से मदद मांग रहा है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन से 40 वीटी-4 टैंकों की आपातकालीन खरीद का आदेश दिया है। यह कदम दर्शाता है कि पाकिस्तान अपनी रक्षा प्रणाली को जल्द से जल्द मजबूत करना चाहता है ताकि भारत के संभावित सैन्य अभियान का सामना कर सके।  वीटी-4 टैंक चीन द्वारा विकसित ए...

राजस्थान में सबसे ज़्यादा बलात्कार के मामले, गुजरात में सबसे अधिक सज़ा दर – एनसीआरबी 2022 रिपोर्ट*

*राजस्थान में सबसे ज़्यादा बलात्कार के मामले, गुजरात में सबसे अधिक सज़ा दर – एनसीआरबी 2022 रिपोर्ट* नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में कुल 5,399 बलात्कार के मामले सामने आए। वहीं गुजरात में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 89.8% की रिकॉर्ड सज़ा दर दर्ज की गई, जो देश में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की औसत सज़ा दर केवल 28% है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि अपराध को धर्म या जाति से जोड़ने के बजाय उसके मूल कारणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सामाजिक मीडिया पर भी यह बात उठाई जा रही है कि "बलात्कारी का धर्म नहीं, अपराध देखा जाना चाहिए।" लोग मांग कर रहे हैं कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए ऐसे कड़े और तेज़ न्यायिक प्रावधान बनाए जाएं, जिनसे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले और अपराधियों को कठोर सज़ा। वास्तविक न्याय के लिए कानूनों को सख्त और प्रक्रिया को तेज़ करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है।  पारिवारिक या जान-पहचान के लोगों द्वारा किए ग...

विषय: क्या आजकल माता-पिता और शिक्षक विद्यार्थियों की लिखावट पर पहले जैसा ध्यान नहीं देते, जिससे हैंडराइटिंग खराब होती जा रही है? कारण और समाधान।

 विषय: क्या आजकल माता-पिता और शिक्षक विद्यार्थियों की लिखावट पर पहले जैसा ध्यान नहीं देते, जिससे हैंडराइटिंग खराब होती जा रही है? कारण और समाधान। विस्तृत विचार: आजकल तकनीकी युग में बच्चों की शिक्षा का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल माध्यमों पर निर्भर हो गया है — जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि। इससे हाथ से लिखने की आदत धीरे-धीरे कम होती जा रही है। पहले स्कूलों में सुलेख प्रतियोगिताएँ होती थीं, और शिक्षकों द्वारा हर छात्र की कॉपी देखकर लिखावट पर टिप्पणी की जाती थी। माता-पिता भी घर पर बच्चों को साफ-सुथरी लिखावट के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन अब पढ़ाई की गति इतनी तेज़ हो गई है कि न शिक्षक और न ही माता-पिता के पास इतना समय रह गया है कि वे लिखावट पर ध्यान दें। दूसरी ओर, आजकल परीक्षा प्रणाली भी अधिक वस्तुनिष्ठ (Objective) होती जा रही है, जहाँ हाथ से लंबे उत्तर लिखने की आवश्यकता नहीं रहती। इससे भी विद्यार्थियों की लिखने की आदत कमज़ोर पड़ती है। परिणामस्वरूप, उनकी हैंडराइटिंग खराब हो जाती है, जो आगे चलकर उनके आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है। समाधान के रूप में:  1. स...