अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जुलाई 2023 में पाकिस्तान को $3 बिलियन का स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SBA) स्वीकृत किया था, जिससे देश को गंभीर आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिली। यह नौ महीने का कार्यक्रम था, जिसके तहत IMF ने तुरंत लगभग $1.2 बिलियन की राशि जारी की, और शेष राशि किश्तों में प्रदान की गई।
यह वित्तीय सहायता पाकिस्तान की तत्काल भुगतान संतुलन की समस्याओं को हल करने और संभावित डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए महत्वपूर्ण थी। इसके बदले में, IMF ने पाकिस्तान से कई आर्थिक सुधारों की मांग की, जिनमें कर आधार का विस्तार, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, और बाजार-निर्धारित विनिमय दर अपनाना शामिल था।
IMF ने यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में हाल के महीनों में सुधार हुआ है, लेकिन विकास दर अभी भी कम है और मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। इसलिए, आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतिगत और सुधारात्मक प्रयासों की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, IMF ने अप्रैल 2024 में अंतिम $1.1 बिलियन की किश्त जारी करने के लिए पाकिस्तान के साथ एक प्रारंभिक समझौता किया। यह समझौता IMF के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन था, जिसे एक औपचारिकता माना गया।
पाकिस्तान ने IMF से एक नए $8 बिलियन के ऋण कार्यक्रम की भी मांग की है, ताकि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। यह नया कार्यक्रम अप्रैल 2024 में समाप्त हुए SBA के बाद लागू होने की संभावना है।
इस प्रकार, IMF द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता ने पाकिस्तान को तत्काल आर्थिक संकट से उबरने में मदद की है, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता के लिए संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता बनी हुई
है।
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