*पाकिस्तान में ड्रोन हमलों का कहर: दो दर्जन से ज्यादा हमले, चारों तरफ तबाही और हाहाकार*
पाकिस्तान में हाल के दिनों में ड्रोन हमलों की बाढ़ आ गई है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक दो दर्जन से ज्यादा ड्रोन हमले हो चुके हैं, जिनमें कराची, लाहौर, मियांवाली और खैबर जैसे संवेदनशील इलाकों को निशाना बनाया गया है। इन हमलों ने न केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि आम नागरिकों में भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
हमलों का दायरा और नुकसान
कराची में बड़ा धमाका: कराची में ड्रोन हमले में सेना से जुड़ी एक इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय ड्रोन की आवाज के बाद जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया।
आईएसआई मुख्यालय के पास हमला: खबरों के अनुसार, ISI के हैडक्वार्टर के नजदीक भी ड्रोन हमला हुआ, जिसने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मस्जिदों और क्रिकेट स्टेडियम पर हमले: बहावलपुर में जैश के मरकज की मस्जिद और एक क्रिकेट स्टेडियम भी ड्रोन हमलों का शिकार बने। इन हमलों ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल खोल दी।
हाहाकार और दहशत: स्थानीय जनता खौफ में जी रही है। मुरिदके के एक निवासी ने बताया, "रात 12:45 बजे एक ड्रोन आया, फिर तीन और आए। मस्जिदों पर हमले हुए, सब कुछ तहस-नहस हो गया।"
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और आरोप
पाकिस्तानी जनरल अहमद शरीफ ने दावा किया कि ये हमले भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत किए, जिसमें आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। हालांकि, कुछ X पोस्ट्स में यह भी कहा गया कि ये हमले गलती से पाकिस्तान सेना के आतंकियों ने खुद किए, जिससे स्थिति और हास्यास्पद हो गई है। पाकिस्तान ने भारत पर हमलों का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र में शिकायत की कोशिश की, लेकिन वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी।
सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की विफलता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी निर्मित HQ-9 सिस्टम इन ड्रोन हमलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा। कराची जैसे शहर, जहां परमाणु ठिकाने मौजूद हैं, वहां हमले होना पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करता है।
आर्थिक और कूटनीतिक दबाव
इन हमलों के बाद पाकिस्तान आर्थिक और कूटनीतिक रूप से भी दबाव में है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान को हाई अलर्ट पर रहने के लिए रोजाना करीब 4 अरब रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जो उसकी पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है।
क्या है सच्चाई?
हालांकि पाकिस्तान भारत पर हमलों का आरोप लगा रहा है, लेकिन X पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि ये हमले पाकिस्तान की सेना ने खुद प्रोपगैंडा के लिए किए ताकि भारत पर दोष मढ़कर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल किया जा सके। इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान अपनी नाकामी छिपाने के लिए नया खेल खेल रहा है?
पाकिस्तान में ड्रोन हमलों की यह लहर न केवल उसकी सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि क्षेत्रीय तनाव को भी बढ़ा रही है। आम जनता में डर का माहौल है, और पाकिस्तान सरकार बौखलाहट में भारत को दोष देने में जुटी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये हमले वाकई बाहरी ताकतों का काम हैं, या पाकिस्तान की अपनी रणनीति का हिस्सा? सच जो भी हो, इस तबाही ने पाकिस्तान को चारों तरफ से हिलाकर रख दिया है।
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