ट्रंप-पुतिन वार्ता: दोस्ती या सौदा?
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात का सीन कुछ ऐसा था जैसे दो पुराने कारोबारी मिले हों – एक ने अमेरिका के गगनचुंबी टॉवर में डील्स की थीं, तो दूसरे ने रूस में सत्ता के ऊंचे सिंहासन पर। बस फर्क इतना था कि इस बार टॉवर और सिंहासन की जगह टेबल थी, जिस पर यूक्रेन बिछा हुआ था।
पुतिन ने सीज़फ़ायर के लिए ऐसी शर्तें रखीं कि ट्रंप भी सोचने लगे – "ये डील है या ईएमआई पर क्रीमलिन का अपार्टमेंट?" 😂 पुतिन ने कहा – यूक्रेन अपना आधा हिस्सा रूस को सौंप दे, बाकी पर हम "शांति वार्ता" करेंगे। इस शर्त को सुनकर ट्रंप ने अपनी पुरानी "You're Fired" स्टाइल में ज़ेलेंस्की को फोन मिलाने की सोची, लेकिन नेटवर्क नहीं मिला – शायद यूक्रेन में अभी भी रशियन नेटवर्क चल रहा था! 📞
#RaisinaDialogue2025 में तो नेताओं ने ऐसा भाषण दिया, मानो सभी UN के फुलटाइम शांति-दूत हों। हर कोई कह रहा था – "संवाद ज़रूरी है, युद्ध नहीं", लेकिन बैकस्टेज सब अपने-अपने देश के रक्षा बजट का एक्स्ट्रा पेज एड करवा रहे थे!
भारत ने वहां शांति का संदेश दिया, तो चीन ने भी सिर हिलाया – मगर उसके जहाज हिंद महासागर में कसरत कर रहे थे। अमेरिका ने कहा – "हम शांति चाहते हैं", और उसी समय हथियारों का एक नया कॉन्ट्रैक्ट साइन हो गया। 🤝
निष्कर्ष:
इस वार्ता और समिट में शांति का ऐसा प्रचार हुआ कि हथियार कंपनियों के स्टॉक 20% चढ़ गए। 🌍
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