ट्रंप द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को झूठे और मनमाने ढंग से उद्धृत करना — एक शरारती करतूत! अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नेताओं के शब्दों का वजन बहुत होता है। जब कोई पूर्व राष्ट्रपति या वैश्विक नेता किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री के नाम पर मनगढ़ंत बयान देता है, तो वह केवल एक राजनीतिक चाल नहीं बल्कि कूटनीतिक शरारत होती है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो झूठे और अतिशयोक्तिपूर्ण बयान दिए हैं, वे इसी तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को दर्शाते हैं। अपने एक ताज़ा भाषण में ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे किसी मुद्दे पर “सहमति” जताई थी और वे उनके विचारों की “प्रशंसा” करते हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप ने यह भी कहा कि वे “मोदी का राजनीतिक करियर खत्म नहीं करना चाहते।” यह बयान न केवल असत्य प्रतीत होता है, बल्कि अत्यंत बचकाना और अहंकारपूर्ण भी है। ऐसा लगता है जैसे ट्रंप स्वयं को किसी सर्वशक्तिमान सत्ता के रूप में देखने लगे हैं — मानो किसी नेता का राजनीतिक भविष्य उनके इशारे पर तय हो सकता हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की 1...
नमस्कार, मैं कीर्ति कापसे, पेशे से पत्रकार और मीडिया स्पेशलिस्ट, लगभग दो दशकों तक देश के प्रतिष्ठित अखबार दैनिक भास्कर , दैनिक नईदुनिया, और डिजिटल मीडिया मीडियावाला.कॉम में बतौर वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल GRC हेड के तौर पर अपनी सेवाएं दी है। "शब्द बहुत शक्तिशाली है जो हमारे भीतर छिपी कहानियों को बाहर ले आते है।"