गोवा में पुर्तगाली शासन का अंत और 451 वर्षों के बाद आजादी की शुरुआत 19 दिसंबर 1961 को हुई, जब भारत सरकार ने सैन्य कार्रवाई "ऑपरेशन विजय" के तहत गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें भारत ने उपनिवेशवाद के आखिरी अवशेष को समाप्त किया।
गोवा की आजादी का संघर्ष और आरंभ:
1. पुर्तगाली शासन का अंत:
1510 में पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया और इसे अपना उपनिवेश बनाया।
1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद, भारत ने पुर्तगाल से अपने सभी उपनिवेश, विशेष रूप से गोवा, दमन और दीव, को छोड़ने की मांग की।
पुर्तगाल ने इसे मानने से इनकार कर दिया और गोवा पर अपना कब्जा बनाए रखा।
2. राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास:
1947 से 1961 तक, भारत ने पुर्तगाल के साथ कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से गोवा की आजादी का प्रयास किया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पुर्तगाल पर दबाव बनाया, लेकिन पुर्तगाल ने गोवा को "अपनी संपत्ति" मानने का दावा किया।
पुर्तगाल ने गोवा में सैन्यीकरण बढ़ा दिया और भारत की मांगों को ठुकरा दिया।
3. गोवा मुक्ति आंदोलन:
गोवा के भीतर भी स्वतंत्रता के लिए आंदोलन शुरू हो चुका था।
1946 में, डॉ. राम मनोहर लोहिया ने गोवा में पुर्तगाली शासन के खिलाफ अहिंसक सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया।
स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों जैसे ट्रिस्टाओ ब्रागांजा कुनहा, जोआकिन क्रूज, और एसएम जोशी ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया।
आंदोलनकारियों पर पुर्तगाली सरकार ने दमनकारी नीतियाँ लागू कीं, लेकिन मुक्ति की लहर तेज होती गई।
4. ऑपरेशन विजय (1961):
17 दिसंबर 1961 को भारत ने गोवा, दमन, और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त करने के लिए सैन्य अभियान शुरू किया।
भारतीय थलसेना, नौसेना, और वायुसेना ने समन्वित रूप से कार्रवाई की।
36 घंटे के भीतर, पुर्तगाली सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया।
19 दिसंबर 1961 को गोवा औपचारिक रूप से भारत का हिस्सा बना।
5. गोवा का आजाद प्रशासन:
गोवा को भारत में शामिल करने के बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया।
1987 में, गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
गोवा की संस्कृति, भाषा, और परंपराओं को संरक्षित करते हुए इसे भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा बनाया गया।
19 दिसंबर का महत्व:
गोवा की आजादी का दिन "गोवा मुक्ति दिवस" के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गोवा के लोगों के संघर्ष और भारतीय सेना की विजय का प्रतीक है।
निष्कर्ष:
गोवा की आजादी 451 वर्षों के उपनिवेशवाद से मुक्ति और भारतीय संघ में एकीकरण का प्रतीक है। यह घटना भारत की राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गोवा आज भारतीय संस्कृति और पुर्तगाली विरासत का संगम है, जो अपनी अनूठी पहचान बनाए हुए है।
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