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नरेंद्र मोदी और वर्तमान भारतीय राजनीति

 नरेंद्र मोदी भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव हुए हैं। मोदी ने अपनी राजनीतिक शैली और निर्णय लेने की क्षमता से देश को एक नई दिशा दी है। वर्तमान राजनीति पर उनकी पकड़, विपक्ष के साथ उनका संबंध और उनकी नीतियों का देश पर प्रभाव—यह सब समझना महत्वपूर्ण है।


नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर


1. प्रारंभिक जीवन और आरएसएस से जुड़ाव:

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। संघ परिवार (RSS) से जुड़े रहने के कारण उनकी विचारधारा में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की झलक मिलती है।



2. गुजरात के मुख्यमंत्री (2001-2014):

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने औद्योगिक विकास, आधारभूत संरचना, और व्यापारिक माहौल पर ध्यान केंद्रित किया। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनकी भूमिका को लेकर विवाद हुआ, लेकिन उन्होंने इसे अपने विकास मॉडल के जरिए पीछे छोड़ा।



3. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल (2014-वर्तमान):

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए। 2019 में फिर से चुनकर आना उनकी लोकप्रियता का प्रमाण था।



मोदी की नीतियां और उनके प्रभाव


आर्थिक क्षेत्र


1. नोटबंदी (2016):

काले धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए गए। इसका अर्थव्यवस्था पर मिला-जुला असर हुआ।



2. जीएसटी (2017):

एक राष्ट्र, एक कर की अवधारणा को लागू करते हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया। इससे व्यापारिक प्रक्रियाएं सरल हुईं लेकिन छोटे व्यापारियों को प्रारंभ में समस्याओं का सामना करना पड़ा।



3. आत्मनिर्भर भारत अभियान:

आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधार किए गए।




सामाजिक नीतियां


1. स्वच्छ भारत अभियान:

इस अभियान ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण हुआ।



2. जनधन योजना:

वित्तीय समावेशन के तहत करोड़ों लोगों को बैंकों से जोड़ा गया।



3. उज्ज्वला योजना:

गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए।




राजनीतिक निर्णय


1. अनुच्छेद 370 का निरसन:

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।



2. तीन तलाक पर प्रतिबंध:

मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से तीन तलाक पर रोक लगाई गई।



3. नागरिकता संशोधन कानून (CAA):

इस कानून ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने की बात की। इस पर देशभर में विरोध हुआ।



मोदी की राजनीतिक शैली और नेतृत्व


1. निर्णय लेने की क्षमता:

मोदी की शैली मजबूत और निर्णायक है। वे विवादास्पद फैसले लेने से भी नहीं हिचकते।



2. सामाजिक मीडिया और जनसंपर्क:

सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से संवाद करने में मोदी को महारत हासिल है। मन की बात कार्यक्रम उनके जनसंपर्क का उदाहरण है।



3. राष्ट्रीयता और हिंदुत्व का एजेंडा:

भाजपा की राजनीति में राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने हिंदू वोटरों को मजबूती से जोड़ा।



वर्तमान राजनीति का परिदृश्य


भाजपा का वर्चस्व


नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने भाजपा को सबसे मजबूत राजनीतिक दल बना दिया है। पार्टी ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई और क्षेत्रीय पार्टियों को कमजोर किया।


विपक्ष की स्थिति


विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, और क्षेत्रीय दल मोदी के बढ़ते वर्चस्व को चुनौती देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A) का गठन किया है।


अंतर्राष्ट्रीय संबंध


मोदी ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। अमेरिका, रूस, और पश्चिमी देशों के साथ संबंध बेहतर हुए हैं। जी20 सम्मेलन और क्वाड जैसे मंचों पर भारत की उपस्थिति मजबूत हुई है।


विवाद और चुनौतियां


1. असहिष्णुता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण:

आलोचकों का कहना है कि भाजपा की नीतियां धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती हैं।



2. महंगाई और बेरोजगारी:

बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां हैं।



3. किसान आंदोलन (2020-2021):

तीन कृषि कानूनों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन मोदी सरकार के खिलाफ सबसे बड़े आंदोलनों में से एक थे।


निष्कर्ष


नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव हुए हैं। उनकी नीतियां, चाहे वे आर्थिक सुधार हों या सामाजिक योजनाएं, दूरगामी प्रभाव छोड़ती हैं। हालांकि, उनकी नीतियों को लेकर देश में विवाद और बहस भी जारी है।

2024 के चुनाव ने यह तय कर दिया कि मोदी और भाजपा का प्रभुत्व बरकरार रहेगा फिलहाल किसी अन्य राजनीतक शक्ति उभरकर सामने नहीं आ सकी है।


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