क्वाड (QUAD) क्या है?
क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) एक सामरिक मंच है जिसमें चार देशों - भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया - की भागीदारी है। यह समूह भारत-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Region) में शांति, सुरक्षा, स्थिरता, और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए गठित किया गया है।
क्वाड का गठन और विकास
1. शुरुआत:
क्वाड की अवधारणा 2004 की सुनामी राहत कार्यों के दौरान शुरू हुई थी, जब भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर राहत कार्यों को अंजाम दिया।
औपचारिक रूप से क्वाड का गठन 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के नेतृत्व में हुआ।
2. पुनरुत्थान:
2017 में क्वाड को पुनर्जीवित किया गया, जब इन देशों ने चीन के बढ़ते प्रभुत्व को संतुलित करने के लिए इसे पुन: सक्रिय किया।
2021 में क्वाड नेताओं की पहली औपचारिक बैठक हुई।
क्वाड के प्रमुख उद्देश्य
1. भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता:
क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता (Freedom of Navigation) और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन सुनिश्चित करना।
2. चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन:
दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों का मुकाबला करना।
3. आर्थिक और तकनीकी सहयोग:
व्यापार, निवेश, और तकनीकी विकास में सहयोग को बढ़ावा देना।
4. आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता:
प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव अभियानों में समन्वय करना।
5. साइबर सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी कार्य:
साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और आतंकवाद को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करना।
क्वाड का उपयोग और महत्व
1. सामरिक महत्व:
यह समूह चीन की "String of Pearls" रणनीति और उसके बढ़ते समुद्री प्रभुत्व का जवाब देने के लिए महत्वपूर्ण है।
मालक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण चीन सागर जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में निगरानी और नियंत्रण।
2. नौवहन की स्वतंत्रता:
क्वाड का मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में स्वतंत्र और खुला नौवहन सुनिश्चित करना है, ताकि वैश्विक व्यापार प्रभावित न हो।
3. साझा सुरक्षा और सैन्य अभ्यास:
क्वाड देशों के बीच "मालाबार नौसैनिक अभ्यास" जैसे सैन्य अभ्यास होते हैं, जिससे चारों देशों की नौसेना की सामरिक क्षमताएँ बढ़ती हैं।
4. आर्थिक सहयोग:
क्वाड के माध्यम से तकनीकी विकास, व्यापार समझौते, और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर काम किया जा रहा है।
महामारी के दौरान क्वाड देशों ने वैक्सीन उत्पादन और वितरण में सहयोग किया।
5. साइबर और तकनीकी सुरक्षा:
साइबर खतरों से निपटने के लिए क्वाड देशों के बीच तकनीकी साझेदारी और डेटा सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है।
6. क्षेत्रीय स्थिरता:
यह समूह छोटे देशों को चीन की आक्रामक नीतियों के खिलाफ सुरक्षा और सहयोग प्रदान करता है।
भारत के लिए क्वाड का महत्व
1. रणनीतिक शक्ति:
क्वाड के माध्यम से भारत हिंद महासागर और भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
2. चीन के खतरे का मुकाबला:
चीन की सीमा पर आक्रामकता और हिंद महासागर में उसकी गतिविधियों को संतुलित करने में मदद मिलती है।
3. आर्थिक अवसर:
क्वाड के माध्यम से भारत को व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग मिलता है।
4. वैश्विक नेतृत्व:
क्वाड का हिस्सा बनने से भारत वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार और मजबूत शक्ति के रूप में उभर रहा है।
क्वाड की चुनौतियाँ
1. सदस्य देशों के बीच प्राथमिकता का अंतर:
सभी देशों के अपने-अपने राष्ट्रीय हित हैं, जो कभी-कभी समन्वय में बाधा डालते हैं।
2. चीन का विरोध:
चीन क्वाड को "एशियाई नाटो" कहकर इसकी आलोचना करता है और इसे अपने खिलाफ षड्यंत्र मानता है।
3. सांठगांठ का अभाव:
क्वाड में कोई औपचारिक सैन्य गठबंधन नहीं है, जिससे इसकी कार्यक्षमता सीमित हो सकती है।
निष्कर्ष
क्वाड एक ऐसा मंच है जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल चीन के बढ़ते प्रभुत्व को संतुलित करता है बल्कि आर्थिक, तकनीकी और सामरि
क सहयोग को भी बढ़ावा देता है। भारत के लिए यह एक अवसर है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को सशक्त करे और अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित बनाए रखे।
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