वुडरो विल्सन, जो 1913 से 1921 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति थे, ने प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1918) के दौरान अमेरिका को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उनकी नीतियां और उनके आदर्शवादी दृष्टिकोण ने युद्ध के दौरान और उसके बाद वैश्विक राजनीति को आकार दिया। उनकी कहानी तटस्थता से लेकर युद्ध में प्रवेश और अंततः शांति स्थापना तक की एक गहरी और जटिल यात्रा है।
शुरुआत: तटस्थता की नीति (1914-1917)
1914 में जब प्रथम विश्वयुद्ध शुरू हुआ, तो वुडरो विल्सन ने अमेरिका को तटस्थ बनाए रखने का निर्णय लिया। उनका मानना था कि अमेरिका को यूरोप के युद्ध में नहीं उलझना चाहिए और इसे एक "तटस्थ मध्यस्थ" के रूप में कार्य करना चाहिए।
1. तटस्थता का कारण:
अमेरिका में विविध जातीय समूह थे, जिनमें ब्रिटिश, जर्मन, और अन्य यूरोपीय मूल के लोग शामिल थे। युद्ध में प्रवेश करने से सामाजिक विभाजन हो सकता था।
विल्सन का मानना था कि अमेरिका को "शांति के लिए शक्ति" बनना चाहिए।
आर्थिक दृष्टिकोण से अमेरिका को युद्धरत देशों के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने का लाभ था।
2. चुनाव में तटस्थता का लाभ:
1916 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने "उन्होंने हमें युद्ध से बाहर रखा" (He kept us out of war) के नारे पर प्रचार किया और पुन: निर्वाचित हुए।
युद्ध में अमेरिका का प्रवेश (1917)
हालांकि विल्सन तटस्थता बनाए रखने के इच्छुक थे, लेकिन परिस्थितियों ने अमेरिका को युद्ध में प्रवेश करने पर मजबूर कर दिया।
1. जर्मनी की पनडुब्बी युद्ध नीति:
जर्मनी ने "असीमित पनडुब्बी युद्ध" (Unrestricted Submarine Warfare) शुरू किया, जिसमें अमेरिका के जहाजों को भी निशाना बनाया गया। 1915 में, ब्रिटिश जहाज लुसिटानिया पर जर्मन हमले में 128 अमेरिकी नागरिक मारे गए।
यह घटना अमेरिकी जनता में आक्रोश का कारण बनी।
2. ज़िम्मरमैन टेलीग्राम:
1917 में ब्रिटिश खुफिया विभाग ने एक जर्मन टेलीग्राम को पकड़ा, जिसमें जर्मनी ने मैक्सिको को अमेरिका के खिलाफ युद्ध में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।
यह टेलीग्राम अमेरिकी जनता और सरकार के लिए जर्मनी के खिलाफ निर्णायक कारण बना।
3. लोकतंत्र की रक्षा का आदर्श:
विल्सन ने यह तर्क दिया कि "दुनिया को लोकतंत्र के लिए सुरक्षित बनाना" (Make the world safe for democracy) अमेरिका की जिम्मेदारी है।
2 अप्रैल 1917 को, उन्होंने कांग्रेस से युद्ध की घोषणा करने का अनुरोध किया। 6 अप्रैल 1917 को अमेरिका ने औपचारिक रूप से युद्ध में प्रवेश किया।
युद्ध के दौरान विल्सन की नीतियां
1. अमेरिकी सैन्य तैयारी:
युद्ध के लिए अमेरिकी सेना को तैयार किया गया। 1917 में Selective Service Act लागू हुआ, जिससे 40 लाख से अधिक सैनिकों को जुटाया गया।
2. आर्थिक और औद्योगिक प्रबंधन:
War Industries Board की स्थापना की गई, जिसने सैन्य आपूर्ति और उत्पादन का प्रबंधन किया।
युद्ध की आर्थिक लागत को पूरा करने के लिए युद्ध बांड (War Bonds) और कर वृद्धि का सहारा लिया गया।
3. संबद्ध शक्तियों को समर्थन:
अमेरिका ने सहयोगी देशों (ब्रिटेन, फ्रांस, इटली) को बड़े पैमाने पर आर्थिक और सैन्य सहायता दी।
अमेरिकी सैनिकों के आगमन ने पश्चिमी मोर्चे पर सहयोगियों की स्थिति को मजबूत किया।
शांति स्थापना और विल्सन का 14 सूत्रीय कार्यक्रम (1918)
युद्ध समाप्त होने के बाद, विल्सन ने विश्व शांति और स्थायित्व के लिए एक व्यापक योजना प्रस्तुत की।
1. 14 सूत्रीय कार्यक्रम:
8 जनवरी 1918 को विल्सन ने अमेरिकी कांग्रेस में अपने 14 बिंदुओं का प्रस्ताव रखा। इसके मुख्य बिंदु थे:
गुप्त कूटनीति का अंत।
समुद्री स्वतंत्रता।
व्यापार बाधाओं का उन्मूलन।
हथियारों की संख्या में कमी।
राष्ट्रीय आत्मनिर्णय का अधिकार।
लीग ऑफ नेशंस (League of Nations) की स्थापना।
2. पेरिस शांति सम्मेलन (1919):
विल्सन ने पेरिस शांति सम्मेलन में अमेरिका का प्रतिनिधित्व किया।
उनकी प्रमुख उपलब्धि थी लीग ऑफ नेशंस की स्थापना, जो भविष्य के संघर्षों को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन था।
3. वर्साय संधि:
हालांकि वर्साय की संधि में जर्मनी पर कठोर प्रतिबंध लगाए गए, विल्सन ने इसे अपनी आदर्शवादी दृष्टि के साथ संतुलित करने की कोशिश की।
उन्होंने लीग ऑफ नेशंस को संधि में शामिल कराया।
राजनीतिक असफलता:
1. लीग ऑफ नेशंस को अमेरिकी समर्थन न मिलना:
अमेरिका की सीनेट ने वर्साय की संधि और लीग ऑफ नेशंस को मंजूरी नहीं दी।
सीनेट के कई सदस्यों को डर था कि लीग में शामिल होना अमेरिका को भविष्य में अनावश्यक युद्धों में खींच सकता है।
यह विल्सन के लिए एक बड़ी राजनीतिक असफलता थी।
2. स्वास्थ्य और लोकप्रियता में गिरावट:
शांति के लिए संघर्ष और घरेलू आलोचना के कारण विल्सन का स्वास्थ्य बिगड़ गया।
1919 में उन्हें स्ट्रोक हुआ, जिससे वे अपने कार्यकाल के अंत तक कमजोर रहे।
विल्सन की विरासत:
वुडरो विल्सन की भूमिका और नीतियां प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिका की सक्रियता और उसकी वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में महत्वपूर्ण थीं।
उन्होंने अमेरिका को "अलगाववाद" (Isolationism) से बाहर निकालकर वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में अग्रसर किया।
हालांकि उनकी लीग ऑफ नेशंस की योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाई, यह विचार संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की स्थापना का आधार बना।
विल्सन ने न केवल युद्ध के दौरान अमेरिका का नेतृत्व
किया, बल्कि युद्ध के बाद दुनिया को शांति और स्थिरता की ओर ले जाने का प्रयास किया। उनके आदर्शों और कूटनीति ने 20वीं शताब्दी की राजनीति को गहराई से प्रभावित किया।
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