गोवा, जो आज अपने हिंदू, ईसाई और आधुनिक सांस्कृतिक मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है, ऐतिहासिक रूप से बौद्ध धर्म के प्रभाव का भी केंद्र रहा है। बौद्ध धर्म के वैभवशाली काल में, गोवा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक स्थान था।
बौद्ध धर्म का उदय और गोवा पर प्रभाव
1. प्राचीन गोवा और बौद्ध धर्म:
बौद्ध धर्म का प्रसार भारत में मौर्य सम्राट अशोक (268-232 ईसा पूर्व) के शासनकाल में हुआ।
अशोक के शासन के दौरान, गोवा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ।
गोवा का भौगोलिक स्थान इसे व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क का केंद्र बनाता था, जो बौद्ध धर्म के प्रसार में सहायक था।
2. बौद्ध विहार और मूर्तियाँ:
गोवा में कई बौद्ध विहार और मठ स्थापित किए गए।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने यहाँ स्तूप और चैत्य (पूजा स्थलों) का निर्माण किया।
बौद्ध धर्म के प्रतीक, जैसे धम्मचक्र, पद्म (कमल) और बुद्ध की मूर्तियाँ, गोवा की प्राचीन कला और स्थापत्य में देखने को मिलती थीं।
3. कदंब वंश और बौद्ध धर्म:
कदंब वंश (10वीं-14वीं सदी) के प्रारंभिक शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे।
उन्होंने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और कई मठों और मंदिरों का निर्माण किया।
गोवा में बौद्ध धर्म का योगदान
1. शिक्षा और विद्या:
बौद्ध धर्म ने गोवा में शिक्षा और विद्या के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
बौद्ध मठ न केवल धार्मिक केंद्र थे, बल्कि शिक्षा के प्रमुख स्थान भी थे।
यहाँ बौद्ध भिक्षु पाली और संस्कृत में त्रिपिटक, अभिधम्म, और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते थे।
2. सांस्कृतिक प्रभाव:
बौद्ध धर्म ने गोवा की कला और संस्कृति को समृद्ध किया।
यहाँ के कलाकारों ने बुद्ध की मूर्तियाँ और स्तूपों की सजावट के लिए विशेष शैली विकसित की।
3. धार्मिक सहिष्णुता:
बौद्ध धर्म के अहिंसा और सहिष्णुता के सिद्धांत ने गोवा की धार्मिक परंपराओं पर गहरा प्रभाव डाला।
बौद्ध और हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध थे।
गोवा में बौद्ध धर्म का पतन
1. हिंदू धर्म का पुनरुत्थान:
मध्यकाल में बौद्ध धर्म का प्रभाव धीरे-धीरे कम हुआ और हिंदू धर्म प्रमुख हो गया।
बौद्ध मठों और विहारों का स्थान हिंदू मंदिरों ने ले लिया।
2. पुर्तगाली शासन का प्रभाव:
16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के आगमन के बाद, गोवा में ईसाई धर्म का प्रभाव बढ़ा।
बौद्ध धर्म के अवशेषों को या तो नष्ट कर दिया गया या वे समय के साथ गुम हो गए।
वर्तमान समय में बौद्ध धर्म की छवि
1. पुरातात्विक अवशेष:
गोवा में बौद्ध धर्म के कुछ पुरातात्विक अवशेष आज भी मिलते हैं, जैसे बुद्ध की प्राचीन मूर्तियाँ और विहार के खंडहर।
गोवा के पास पोण्डा क्षेत्र में बौद्ध धर्म के प्रभाव के प्रमाण मिले हैं।
2. बौद्ध स्मृति चिन्ह:
गोवा के संग्रहालयों में बौद्ध धर्म से जुड़े मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ संरक्षित हैं।
ये अवशेष बौद्ध धर्म के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को याद दिलाते हैं।
3. समकालीन रुचि:
आधुनिक समय में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं, जैसे ध्यान और अहिंसा, ने गोवा के समाज और पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
निष्कर्ष
हालांकि आज गोवा में बौद्ध धर्म मुख्य धर्म नहीं है, इसका ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक योगदान अविस्मरणीय है। बौद्ध धर्म ने गोवा को शिक्षा, कला, और धार्मि
क सहिष्णुता में समृद्ध बनाया। इसकी छवि आज भी गोवा की पुरातात्विक धरोहर और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है।
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